संतुलित तथा पौष्टिक आहार या खाघ जीव विष से विषाक्त हो जाता है, जो शरीर के लिए हानिकारक होता है। विषाक्त खाद्ध पदार्थ खाने से मृत्यू तक शरीर के लिए हानिकारक होता है। विषाक्त खाध पदार्थ खाध खाने से मृत्यू तक संभावित होती है जैसे कच्ची मूंमफली को यदि नमी वाले स्थान पर स्टोर करें तो उसमें फफूंदी उत्पन्न हो जाती है अकार्वनिक रसायन विषाक्ता से ही खाघ पदार्थ दूषित हो जाता है जो शरीर के लिए हानिकारक होता है जैसे टिन के डिब्बो में संरक्षित खाध पदार्थ फल मुरब्बे और मछली में रासायनिक क्रिया होती है जो खाध पदार्थ को विषाक्त कर देती है।
खाध विषैला होने का कारण
खाध पदार्थ विषाक्त होने के कई कारण हो सकते है
कुछ बाहरी प्रभाव के कारण भी विषाक्त हो जाते है
तीव्र विष
खाध विषैला होने का कारण
खाध पदार्थ विषाक्त होने के कई कारण हो सकते है
कुछ बाहरी प्रभाव के कारण भी विषाक्त हो जाते है
तीव्र विष
- जैसे पोटैशियम सायनाइड कार्वन मोनो आँक्साइड. इनके सेवन से तत्काल मृत्यु हो जाती है
- विषैले खाध पदार्थ जिनके सेवन से मानव वेहोश हो जाता है।
- तीव्र अम्लों, क्षारों संखिया और तम्बाकू आदि के सेवन से मानव के हृदय पर भी प्रभाव पड़ता है
- शुक्राणु द्वारा खाध का विषैला होना
- खाघ पदार्थो के सेवन से ही विषाक्ता के प्रभाव शरीर पर दिखाई देने लगते है कुछ लोगो उल्टी आना या कमर से नीचे के भाग में पीड़ा होने लगती है ये सभी लक्षण मानव शरीर में दिखाई देने लगते है
कुछ विषैले भोजन में कुछ अन्तः कारण भी होते है
जहरीले वनस्पति खाने से भी या पकाने से भोजन में विषाक्ता के गुण आ जाते है
जैसे कुकरमुत्ता पालक।
कुकरमुत्ता को खुम्भी भी कहते है। यह विषैला होता है
धोंधा जाति की मछली से भी विषाक्ता हो जाती है क्योकि यह अपने खाध्य पदार्थो के रूप में सडे गले जीव और मरे पशुओ को खाती है इस प्रकार की मछली खाने से हमारे शरीर के अमाशय के भाग पर बहुत असर होता है
विषाक्ता के लक्षण दस्त लगना और उल्टी होना नीद आना इत्यादि इस प्रकार के लक्षण प्रतीत होते है
रोकथाम विषाक्त मछली को न खाये और बडी मछली को न खाये और बासी मछली को न खाये
आलू
आलू मे सैलेनिन नाम का विषाक्त पाया जाता है यह आलू के हरे भाग में होता है आलू में अंकुर निकल आते है उस में सैलिनिन नामक विष मिलताहै
क्लोरेसिस क्लोरीन वाले जल में जो सब्जिया उगायी जाती है उनमें भी विषाक्ता के गुण दिखाई देते है
लक्षण दस्त लगना , उल्टी आना
रोकथाम चूना और फिटकरी जल के वर्तन में डाल देने से बर्तन के तलछठ में विषैला पदार्थ नीचे बैठ जाता है। शुद्ध जल को उस बर्तन से निथार लिया जाता है
विषैली वनस्पति जिस प्रकार आगे भी बता चुके है कि कुछ वनस्पतियों में भी विष पाया जाता है जैसे कि सियाल काटा वनस्पति है जिसे सरसों के साथ मिलाकार तेल निकालते है। सियाल काटा के कारण तेल का रंग लाला हो जाता है जो हानिकारक होता है सियाल काटा के कारण तेल भी लाल रंग का हो जता है जो हानिकारक है
सियाल काटा में उत्पन्न विष का परीक्षण में नाइट्रिक एसिड टेस्ट द्नारा विष का बंगाल के निवासी अधिक सिकार होते है
लक्षण ऐडी से लेकर धुटने तक सूजन आ जाती है और बुखार आने लगता है वुखार 90 से 101 F तक हो सकता है ब्लड प्रेशर भी लाँ हो जाता है और श्वास लेने में भी परेशानी होती है चेहेरे पर भी धब्बे पड़ने लगते है
रोकथाम शुद्ध तेल का सेवन करना चाहिए
खेसारी दाल
यह मटर की फली की तरह होती है इसमें विषैले तत्व के रूप में लेथाइरिज्म नामक बीमारी हो जाती है।
लक्षण पैर में दर्द के साथ साथ पैर में शून्यता और उनमें शक्ति का कमजीर होना प्रमुख है